Saturday, 1 March 2025

138.महता नारी की

 




महता नारी की

कल्पना से भरी मेरी दुनिया में भगवान ले आया 


एसे उन्होने ने समर्पण के साथ महिला को बनाया


उन्होंने शक्ति और समर्पण की मूल सामग्री को भरा 


इसे बहु-कार्य शक्ति और करुणा को साथ मे मिलाया 


नारी में 'न' का अर्थ नम्रता


महिला में चुनने और सुनिश्चित का विकल्प भरता 


यह प्रत्येक महिला ने समझा और सुना 


कुछ बने माँ की गुड़िया और बाकी ने 

पापा की परी बनना चुना


अब देखते हैं भगवान ने मुझे कैसे बनाया


सामान रूपी कई गुण का ढेर लगाया 


उसमे भावनाएँ, प्यार, देखभाल पाया 


अहंकार, ईर्ष्या, भय, क्रोध के पैकेट मे न हिचकिचाहट थी


बाहरी पैकिंग बहुत सुन्दर इसलिए थैले मे भर ली


आइसक्रीम की एक बाल्टी सोच की थी। पैकेट का नाम था सोच किंग 


मैंने अधिक स्कूप लिए और अंत में बना स्वभाव ओवरथिंकिंग 


अपनी भावनाओं सीमित करने मैंने बहुत सारे पानी के बोतले किए इक्कठे salty 


इसके परिणामस्वरूप कभी भी बहा देती हूं आँसू की बाल्टि


हालांकि चुनाव कर रही थी सब तत्व 


मैंने महिला के 'म' को भुला दिया शायद जो है 'मातृत्व' 


सही वक्त पर गोद भी भर देगा, विश्वास अटूट बनाया

शुद्ध सोने के दिल से महत्व महिला का सुंदर बनाया! ! !


हर हर महादेव!


प्रियंका कामत


**"***


बायो

प्रियंका किसी दिन अपनी खुद की किताब लिखने का लक्ष्य रखती है। उनका प्रत्येक लेख उनके अपने अनुभव से है। वह अपना काम अपने प्रिय माता-पिता को समर्पित करती है

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